मजबूरी से शुरू किया छोले-भटूरे का ठेला, आज हर रोज 1000 प्लेट बिकती हैं

किशनगंज के 21 साल के दीपक ने मजबूरी में छोले-भटूरे का ठेला लगाया। आज उसके छोले-भटूरे का स्वाद इतना अच्छा है कि हर रोज 1000 प्लेट बिक जाती हैं।

Oct 27, 2023 - 13:52
Oct 27, 2023 - 13:58
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मजबूरी से शुरू किया छोले-भटूरे का ठेला, आज हर रोज 1000 प्लेट बिकती हैं
किशनगंज के 21 साल के दीपक ने मजबूरी में छोले-भटूरे का ठेला लगाया
  • किशनगंज के 21 साल के दीपक ने घर चलाने के लिए छोले-भटूरे का ठेला लगाया।
  • वह रोज सुबह 3 बजे उठकर सारा सामान तैयार करता है और 5 बजे से दोपहर 3 बजे तक छोले-भटूरे बेचता है।
  • उसके छोले-भटूरे का स्वाद इतना अच्छा है कि हर रोज 1000 प्लेट बिक जाती हैं।

किशनगंज के 21 साल के दीपक के पिता छोटे तबके के किसान हैं। उनकी आमदनी इतनी नहीं है कि घर अच्छे से चल सके। दीपक घर में सबसे बड़ा है, इसलिए उसने जिम्मेदारी उठाते हुए छोले-भटूरे का ठेला लगाना शुरू किया।

दीपक रोज सुबह 3 बजे उठकर सारा सामान तैयार करता है और 5 बजे से दोपहर 3 बजे तक छोले-भटूरे बेचता है। वह 25 रुपए में तीन पीस भटूरे और छोले की थाली बेचता है।

दीपक के छोले-भटूरे का स्वाद इतना अच्छा है कि हर रोज 1000 प्लेट बिक जाती हैं। उसके छोले-भटूरे खाने के लिए काफी दूर-दूर से लोग आते हैं।

निष्कर्ष:

दीपक का कहना है कि वह आगे भी छोले-भटूरे बेचना जारी रखेगा। वह अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

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