द्रौपदी ने कर्ण से शादी नहीं की थी इन 4 मजबूरियों के कारण
द्रौपदी और कर्ण महाभारत के दो ऐसे किरदार हैं, जो एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन द्रौपदी ने कर्ण से शादी क्यों नहीं की? इस लेख में जानिए इसके पीछे की 4 मजबूरियां।
महाभारत में द्रौपदी और कर्ण दो ऐसे किरदार हैं, जो एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। लेकिन, द्रौपदी ने कर्ण से शादी नहीं की थी। इसके पीछे कई कारण थे।
पहला कारण: कर्ण की जाति
कर्ण एक सूतपुत्र थे। उस समय सूतपुत्र को ऊंची जाति का नहीं माना जाता था। द्रौपदी एक राजकुमारी थीं। उनके पिता, राजा द्रुपद, एक बहुत ही अहंकारी व्यक्ति थे। वे कर्ण की जाति के कारण उसे अपनी बेटी से शादी नहीं करने देना चाहते थे।
दूसरा कारण: कर्ण का दुर्योधन से मित्रता
कर्ण दुर्योधन का सबसे अच्छा दोस्त था। दुर्योधन एक बहुत ही क्रूर और स्वार्थी व्यक्ति था। द्रौपदी जानती थी कि अगर वह कर्ण से शादी करती है, तो उसे दुर्योधन के साथ भी रहना होगा। वह दुर्योधन के साथ रहना नहीं चाहती थी।
तीसरा कारण: भगवान श्रीकृष्ण की सलाह
द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थीं। श्रीकृष्ण ने उन्हें कर्ण से शादी करने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि कर्ण एक महान योद्धा है, लेकिन वह एक अच्छा पति नहीं होगा।
चौथा कारण: द्रौपदी के पिछले जन्म का श्राप
द्रौपदी ने अपने पिछले जन्म में भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था कि वह एक राजकुमारी के रूप में जन्म लेंगे और पांच राजकुमारों से शादी करेंगे। लेकिन, उन्होंने उन्हें यह भी चेतावनी दी थी कि उन्हें एक सूतपुत्र से शादी नहीं करनी चाहिए।
इन चार मजबूरियों के कारण द्रौपदी ने कर्ण से शादी नहीं की थी। हालांकि, उन्होंने कर्ण को हमेशा अपना मित्र माना और उसका सम्मान किया।
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