भाई दूज, जानिए महत्व, पूजा विधि, अनुष्ठान और पौराणिक कथा

भाई दूज एक हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

Nov 6, 2023 - 18:34
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भाई दूज, जानिए महत्व, पूजा विधि, अनुष्ठान और पौराणिक कथा
भाई दूज, जानिए महत्व, पूजा विधि, अनुष्ठान और पौराणिक कथा

भाई दूज: भाई-बहन के प्रेम का त्योहार

भाई दूज एक हिंदू त्योहार है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

भाई दूज का इतिहास

भाई दूज का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि इस दिन भगवान यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे। यमुना ने अपने भाई का बहुत आदर और सत्कार किया। यमराज ने अपनी बहन की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे एक वरदान दिया। यमराज ने कहा कि इस दिन जो भाई अपनी बहन से तिलक लगवाएगा, उसे मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ेगा।

भाई दूज के अनुष्ठान

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को सुबह जल्दी उठाकर स्नान कराती हैं और उन्हें नए कपड़े पहनाती हैं। फिर बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

इस दिन भाई-बहन एक साथ मिलकर भोजन करते हैं और मिठाई खाते हैं। भाई-बहन इस दिन एक-दूसरे से गले मिलते हैं और अपने प्यार का इजहार करते हैं।

भाई दूज के महत्व

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच के प्रेम और स्नेह को मनाने का एक अवसर है। इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है।

भाई दूज की पौराणिक कथा

भाई दूज की पौराणिक कथा के अनुसार, यमुना नदी की एक बहन थी जिसका नाम यमुना था। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थी। एक दिन, यमराज ने यमुना को बताया कि उन्हें मृत्युलोक जाना है। यमुना बहुत दुखी हुई और उसने अपने भाई से कहा कि वह उसे अकेला नहीं जाने देगी।

यमुना ने यमराज को बताया कि वह अपने भाई को तिलक लगाएगी और फिर वह उसे जाने देगी। यमराज ने अपनी बहन की बात मान ली। यमुना ने अपने भाई को तिलक लगाया और उसे आशीर्वाद दिया। यमराज ने अपनी बहन को आशीर्वाद दिया कि जो भाई अपनी बहन से तिलक लगवाएगा, उसे मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ेगा।

भाई दूज की पूजा विधि

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के लिए पूजा करती हैं। इस पूजा में बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी आरती उतारती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।

भाई दूज की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • अपने भाई को स्नान कराएं और उसे नए कपड़े पहनाएं।
  • अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएं।
  • अपने भाई की आरती उतारें।
  • अपने भाई को उपहार दें।
  • अपने भाई से आशीर्वाद लें।

भाई दूज की शुभकामनाएं

सभी भाई-बहनों को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं। इस दिन आप सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए।

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