कलाकंद भारत की मशहूर मिठाई का इतिहास : History of Kalakand
भारत की प्रसिद्ध मिठाई कलाकंद का इतिहास जानिए। इस लेख में कलाकंद की उत्पत्ति, बनाने की विधि और भारत में इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में जानें।
- कलाकंद एक भारतीय मिठाई है जो दूध, छेने और चीनी से बनती है।
- कलाकंद को सबसे पहले बाबा ठाकुर दास नामक एक व्यक्ति ने बनाया था।
- कलाकंद का नाम इसके स्वाद और बनावट के कारण पड़ा।
- कलाकंद दो प्रमुख शहरों, अलवर और झुमरी तलैया से जुड़ा है।
- कलाकंद भारत में एक लोकप्रिय मिठाई है और विदेशों में भी लोकप्रियता हासिल कर रही है।
कलाकंद एक भारतीय मिठाई है जो दूध, छेने और चीनी से बनती है। यह एक लोकप्रिय मिठाई है जो त्योहारों और विशेष अवसरों पर परोसी जाती है।
कलाकंद का इतिहास अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसे पहली बार बाबा ठाकुर दास नामक एक व्यक्ति ने बनाया था। दास आजादी से पहले पाकिस्तान के एक हिस्से में रहते थे। एक दिन, वे दूध उबाल रहे थे जब वह फट गया। दास ने दूध को बेकार नहीं जाने दिया और इसे और उबालते रहे। उन्होंने देखा कि दूध में दाने पड़ गए हैं और टेक्सचर अच्छा आ रहा है। उन्होंने इसमें चीनी डालकर इसे और भून लिया। इस डिश को जिस किसी ने भी चखा उसे स्वाद बहुत पसंद आया। जब लोगों ने उनसे पूछा कि यह क्या है तो उन्होंने कहा- यही तो कला है। और तब से इस मिठाई का नाम हो गया कलाकंद।
आजादी के बाद, दास परिवार राजस्थान के अलवर में आकर बस गया। यहां पर उन्होंने ही कलाकंद को मशहूर किया। आज उनकी तीसरी पीढ़ी यह काम संभाल रही है।
झारखंड का झुमरी तलैया भी कलाकंद के लिए प्रसिद्ध है। यहां का कलाकंद केसरिया रंग का होता है और इसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट होता है। यहां का कलाकंद दुनियाभर में लोगों को भाता है।
समय के साथ कलाकंद बनाने के तरीके में कई बदलाव आए हैं, लेकिन इसका स्वाद लोगों को उतना ही पसंद है। त्योहारों पर घरों में कुछ आए न आए कलाकंद जरूर आता है। विदेशों से भारत घुमने आने वाले बहुत से सैलानी भी इस मिठाई का आनंद उठाते हैं।
निष्कर्ष:
कलाकंद एक स्वादिष्ट और लोकप्रिय मिठाई है जो भारत के दो प्रमुख शहरों से जुड़ी है। यह मिठाई भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रियता हासिल कर रही है।
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